NEW ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम | Best Option Trading Rules in Hindi

ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम | Best Option Trading Rules in Hindi


ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम | Best Option Trading Rules in Hindi

ऑप्शन ट्रेडिंग शेयर बाजार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो निवेशकों को न केवल शेयरों के बारे में निर्णय लेने की क्षमता देता है, बल्कि इसे एक रणनीतिक तरीके से उपयोग करने का अवसर भी प्रदान करता है। अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग में कदम रखना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के कुछ बेसिक नियमों और दिशा-निर्देशों को समझना जरूरी है। इस आर्टिकल में हम ऑप्शन ट्रेडिंग के कुछ सबसे महत्वपूर्ण और बेस्ट नियमों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जो आपके ट्रेडिंग अनुभव को बेहतर बना सकते हैं।

1. ऑप्शन क्या होता है?

ऑप्शन एक प्रकार का फाइनैन्शल कान्ट्रैक्ट है, जो आपको एक निश्चित तारीख तक किसी विशेष संपत्ति (जैसे: स्टॉक्स) को खरीदने या बेचने का अधिकार तो देता है, लेकिन यह आपको यह करने की नैतिक दबाव नहीं डालता। ऑप्शन दो प्रकार के होते हैं:

  • कॉल ऑप्शन (Call Option): यह आपको एक निश्चित कीमत पर स्टॉक को खरीदने का अधिकार देता है।
  • पुट ऑप्शन (Put Option): यह आपको एक निश्चित कीमत पर स्टॉक को बेचने का अधिकार देता है।

2. ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम | Best Option Trading Rules

ऑप्शन ट्रेडिंग के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियम होते हैं, जिन्हें समझना और पालन करना बहुत ज़रूरी है। यहां हम स्टेप बाई स्टेप कुछ प्रमुख नियमों को देखेंगे।


3. नियम 1: ऑप्शन ट्रेडिंग में पूरा पैसा कभी मत लगाएं

ऑप्शन ट्रेडिंग का सबसे पहला नियम है कि एक साथ पूरा पैसा निवेश ना करें. कुछ लोग एक ही बार में पूरे पैसे से ऑप्शंस को ट्रेड करते हैं और जब उन्हें नुकसान हो जाता है तो उनके पास कुछ नहीं बचता। आपको ऐसी गलती कभी नहीं करनी चाहिए।

मान लीजिए- अगर आपके पास 10000 रुपये हैं और आप भी पूरा पैसा लगाकर ट्रेड करते हैं तो अगर आपको पहली बार में ही 100% प्रॉफिट होता है और 10000 Rs के 20000 Rs बन जाते हैं।

तो ऐसे में अब आप लालची हो जाएंगे। जिसके बाद आप दोबारा पूरा पैसा 20000 रुपये लगाएंगे ताकि वह भी कुछ बढ़ जाए।

अब मान लो अगर आपकी किस्मत अच्छी होती है तो दूसरी बार भी आपको मुनाफा होता है और आपका पैसा 40000 रुपये हो जाता है।

तो अब आप क्या करेंगे? सोच कर देखिए….

जी हां, आपको और अधिक लालच आ जाएगा इसलिए आप और अधिक buy करने की सोचेंगे ना कि इसमें से कुछ पैसा बचाने की।

और ऐसा ही बहुत सारे लोग करते हैं कि जब तक उन्हें मुनाफा होता रहता है तब तक वह ट्रेड करते रहते हैं जब तक कि पूरा पैसा ना डूब जाए।

खुद सोच कर देखिए अगर वह ट्रेडर 10000 rs का 40000 रुपये हो जाने के बाद जब तीसरी बार ट्रेड करता है तो अगर इस बार उसे 20000 रुपये का नुकसान होता है तो वह क्या करेगा?

जी हां वह दोबारा ट्रेड करेगा। और तब तक ट्रेड करता रहेगा जब तक की पूरा पैसा ना डूब जाए।

आपको ऐसी गलती ऑप्शन ट्रेडिंग में कभी नहीं करनी चाहिए। इस गलती से बचने के लिए आप ट्रेडिंग करने से पहले एक नियम बना लें कि

  • आज मैं XYZ कैपिटल से ज्यादा ट्रेड नहीं करूंगा।
  • और एक fix अमाउंट निर्धारित करने कि इतने रुपये का नुकसान होने के बाद आज आप ट्रेड नहीं करेंगे चाहे कितना भी मन क्यों ना करे।
  • इसके अलावा एक नियम और बनाने कि कल जितना मैंने प्रॉफिट किया था आज मैं उससे अधिक नुकसान नहीं करूंगा।

अगर आप ऊपर दी गई बातों को फॉलो करते हैं तो ऑप्शन ट्रेडिंग में आपके नुकसान होने के चांसेस बहुत कम हो जाएंगे। और ऑप्शन ट्रेडिंग का पहला नियम याद रखे कि कभी भी पूरे पैसे से ट्रेड मत करें, हमेशा थोड़ा थोड़ा पैसा लगाकर ही ट्रेड करें।

4. नियम 2: एक्सपायरी डेट का ध्यान रखें

ऑप्शन का एक निश्चित टाइम पीरीअड होता है, और एक्सपायरी डेट के बाद ऑप्शन की वैलिडिटी खत्म हो जाती है। एक्सपायरी डेट के करीब आते हुए ऑप्शन की प्राइस में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है। इसलिए आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप अपनी पोजीशन को समय से पहले बंद कर दें ताकि नुकसान न हो।

  • टाइम वेल्यू पर ध्यान दें: ऑप्शन का समय मूल्य (Time Value) भी महत्वपूर्ण होता है। जैसे-जैसे एक्सपायरी डेट नजदीक आती है, ऑप्शन की टाइम वेल्यू घटने लगती है।

उदाहरण:

मान लीजिए आप एक कॉल ऑप्शन खरीदते हैं जिसका एक्सपायरी डेट 2 सप्ताह बाद है। यदि स्टॉक की कीमत इस समय तक ₹500 तक नहीं पहुंचती है, तो आपकी ऑप्शन का कोई मूल्य नहीं रहेगा। इसलिए समय प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है।

नियंत्रण: ऑप्शन के जीवनकाल को समझें और आखिरी क्षण तक अपनी पोजीशन को न छोड़ें। मार्केट की दिशा के आधार पर समय से पहले ही निर्णय लें 

5. नियम 3: स्टॉप लॉस का उपयोग करें

Trailing stop loss का उपयोग करें

स्टॉपलॉस के बारे में तो आपको पता ही होगा कि यह ट्रेडिंग में कितना जरूरी होता है। लेकिन ट्रेलिंग स्टॉप लॉस इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का मतलब होता है प्राइस बढ़ने पर stop-loss चेंज करते रहना।

मान लीजिए- अगर अभी किसी कॉल ऑप्शन का प्राइस 100 रुपये है और आपका स्टॉप लॉस 90 रुपये पर लगा हुआ है। अब कुछ समय बाद कॉल ऑप्शन का प्राइस बढ़कर 120 Rs हो जाता है तो अब आपको भी अपना स्टॉप लॉस बढ़ाकर 110 Rs कर देना चाहिए।

इस प्रकार जैसे जैसे शेयर का प्राइस बढ़ता जाए तो आपको भी उसके साथ साथ अपना स्टॉप लॉस बढ़ाते जाना है। ऐसा करने से नुकसान होने की संभावना पूरी तरह से खत्म हो जाएगी मतलब अगर आप ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का उपयोग करते हैं तो ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको कभी नुकसान नहीं होगा।

स्टॉप लॉस एक महत्वपूर्ण टूल है, जो आपको नुकसान को सीमित करने में मदद करता है। ऑप्शन ट्रेडिंग में यह और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यहां छोटे-छोटे मूवमेंट्स में बड़े नुकसान हो सकते हैं। हमेशा एक स्टॉप लॉस सेट करें ताकि जब बाजार आपके खिलाफ जाए तो आपका नुकसान तय सीमा से ज्यादा न हो।

6. नियम 4: लिक्विडिटी को प्राथमिकता दें

ऑप्शन ट्रेडिंग में, जिन स्टॉक्स की लिक्विडिटी कम होती है, उन पर ट्रेड करने से बचना चाहिए। अगर कोई स्टॉक या ऑप्शन लिक्विड नहीं है, तो आप उसे सही मूल्य पर नहीं खरीद सकते या बेच नहीं सकते। इसलिए हमेशा उच्च लिक्विडिटी वाले ऑप्शंस में ट्रेड करें।

  • वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट चेक करें: ऑप्शन के वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट को देखकर यह पता चल सकता है कि उस ऑप्शन की लिक्विडिटी कैसी है।

7. नियम 5: ऑप्शन प्राइसिंग मॉडल को समझें

ऑप्शन के मूल्य को प्रभावित करने वाले कई कारक होते हैं, जैसे स्टॉक का प्राइस, एक्सपायरी डेट, अस्थिरता (Volatility), इंटरेस्ट रेट्स आदि। यह जानना जरूरी है कि ऑप्शन की कीमत में कौन से कारक शामिल होते हैं और कैसे वे बदलते हैं।

उदाहरण:

मान लीजिए एक स्टॉक की वर्तमान कीमत ₹500 है और आप कॉल ऑप्शन खरीद रहे हैं जिसका स्ट्राइक प्राइस ₹510 है। यदि इस स्टॉक की अस्थिरता (volatility) अधिक है, तो उस ऑप्शन का प्रीमियम अधिक हो सकता है

  • ब्लैक-स्कॉल्स मॉडल: यह एक प्रसिद्ध ऑप्शन प्राइसिंग मॉडल है, जो आपको ऑप्शन की कीमत का अनुमान लगाने में मदद करता है।

8. नियम 6: पोजीशन साइजिंग (Position Sizing) का ध्यान रखें

आपको ट्रेड करते समय यह समझना होगा कि आपको कितने ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स खरीदने चाहिए। अधिक पोजीशन लेने से आपकी जोखिम क्षमता बढ़ सकती है, लेकिन अत्यधिक पोजीशन साइजिंग से आपका नुकसान भी बढ़ सकता है।

  • रिस्क को सीमित करें: हमेशा अपनी पोजीशन का आकार इस तरह से चुनें कि यदि ट्रेड आपके खिलाफ जाए तो आपका नुकसान सीमित हो।

9. नियम 7: इमोशन पर काबू रखें

ऑप्शन ट्रेडिंग में भावनाओं का बहुत प्रभाव होता है। जब आप घबराए हुए होते हैं, तो आपकी निर्णय क्षमता प्रभावित होती है। इसलिए हमेशा ठंडे दिमाग से काम करें और अपनी रणनीतियों का पालन करें।

  • आत्म-नियंत्रण जरूरी है: ट्रेडिंग करते समय अपना इमोशनल नियंत्रण बनाए रखें और फOMO (Fear of Missing Out) या घबराहट के कारण जल्दी निर्णय न लें।

10. नियम 8: हर समय ट्रेड मत करें

यह तो आपको ही पता होगा कि हर समय ट्रेड करने का अच्छा मौका नहीं होता है क्योंकि कभी-कभी मार्केट बहुत लंबे समय तक एक ही रेंज में घूमता रहता है। अगर मार्केट sideways चल रहा है और आप सिर्फ यह सोचकर ट्रेड करते हैं कि मार्केट ऊपर जाएगा तो शायद आपको नुकसान हो सकता है क्योंकि हो सकता है कि कुछ समय तक मार्केट एक ही रेंज में घूमता रहे और थीटा के कारण आपका प्रीमियम भी कम हो जाए अंत में आपको नुकसान में बेचना पड़े।

इसीलिए मार्केट में कोई मजबूत uptrend या downtrend ट्रेंड होने पर ही ट्रेड करने के अच्छे मौके होते हैं। और आपको उन्हीं मौकों पर ट्रेड करना चाहिए।

अगर आपको अपनी स्ट्रेटेजी पर पूरा विश्वास है कि प्रॉफिट होगा तो ही ट्रेड करें। साथ ही अगर आप प्रॉफिट में चल रहे हैं तो लालच में आकर और ट्रेड मत करें और अगर आप loss में चल रहे है तो loss रिकवर करने के चक्कर में बार-बार ट्रेड मत करें क्योंकि ऐसा करने पर आप अपने इमोशंस पर कंट्रोल नहीं रख पाएंगे और आपका loss भी बढ़ता जाएगा।

इसीलिए यह ऑप्शन ट्रेडिंग का नियम जरूर याद रखें कि हर समय ट्रेड करना जरूरी नहीं है केवल उसी समय ट्रेड करें जब आपको पूरा भरोसा हो कि मार्केट ऊपर ही जाएगा या फिर मार्केट नीचे ही जाएगा।


निष्कर्ष

ऑप्शन ट्रेडिंग एक शक्तिशाली उपकरण है, लेकिन इसके साथ रिस्क भी जुड़ा होता है। अगर आप इन नियमों का पालन करते हैं, तो आप ऑप्शन ट्रेडिंग को ज्यादा प्रभावी और सुरक्षित बना सकते हैं। हमेशा अपने रिस्क को समझें, समय प्रबंधन करें, और सही रणनीति अपनाएं। याद रखें कि ट्रेडिंग में अनुभव ही सबसे महत्वपूर्ण शिक्षक होता है, इसलिए धैर्य रखें और अपने ज्ञान को लगातार बढ़ाएं।

आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के नियमों को सही तरीके से समझकर और अभ्यास करके सफलता की दिशा में आगे बढ़ना होगा

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