स्टॉप लॉस क्या है– ट्रेडिंग में Stop Loss आर्डर कब, कहां और कैसे लगाते हैं?

स्टॉप लॉस क्या है– ट्रेडिंग में Stop Loss आर्डर कब, कहां और कैसे लगाते हैं?



इस आर्टिकल मे आप को बताऊगा हम स्टॉप लॉस क्या है,स्टॉप लॉस कैसे लगाया जाता है स्टॉप लॉस ऑडर कैसे काम करता है। स्टॉप लॉस मार्केट ऑडर और लिमिट ऑडर क्या है उदाहरण सहित  

स्टॉप लॉस क्या होता है

शेयर मार्केट मे Stop Loss की जानकारी के बिना आप एक Successful Trader नहीं बन सकते है , क्योंकि ये ट्रैडर को Loss से बचाता है आज इस पोस्ट मे stop loss के बारे मे पूरी जानकारी मिलेगी । 

  • स्टॉप लॉस क्या होता है,
  • ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस कब कहां और कैसे लगाते हैं,
  • और स्टॉप लॉस कितने प्रकार का होता है,

Stop loss की meaning क्या है 

स्टॉप लॉस दो वर्ड से मिलकर बना है पहला Stop और दूसरा Loss ' Stop का मतलब रोकना और लॉस का मतलब नुकसान से बचना तो अर्थ हुआ नुकसान को रोकना 

उदाहरण के लिए

अगर आपने किसी स्टॉक को ₹1000 पर खरीदा है और आप यह तय करते हैं कि यदि स्टॉक की कीमत ₹900 तक गिर जाती है, तो आप उसे बेच देंगे, तो ₹900 पर एक "stop loss" सेट किया जाएगा। अगर स्टॉक की कीमत ₹900 तक गिर जाती है, तो ऑटोमेटिकली स्टॉक बेच दिया जाएगा, जिससे आपका नुकसान ₹100 से ज्यादा नहीं होगा।

स्टॉप लॉस लगाना क्यों जरूरी है? 

  • Loss को रोकना 
  • Emotional पर Control 
  • समय की बचत 
  • लॉग टाइम तक ट्रैड मे रुकना 
  • मार्केट की वॉललिटी से बचना 
  • Automated risk management
  • Freedom to focus on other trades

 स्टॉप लॉस ऑर्डर कैसे लगाते हैं 

Groww App पर स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स का पालन करें:

Step-by-Step Guide: Groww App पर Stop Loss Order कैसे लगाएं

1. Groww App को ओपन करें:

सबसे पहले, अपने फोन में Groww App खोलें और अपना अकाउंट लॉगिन करें।

2. अपनी पोजीशन को चुनें:

  • ऐप की होम स्क्रीन पर जाएं और "Your Portfolio" (आपका पोर्टफोलियो) या "Investments" (निवेश) सेक्शन में जाएं।
  • उस स्टॉक को चुनें जिस पर आप स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाना चाहते हैं।

3. Buy/Sell पर क्लिक करें:

  • स्टॉक के डिटेल पेज पर जाने के बाद, "Sell" बटन पर क्लिक करें (क्योंकि आप स्टॉप लॉस के लिए बेचने का आदेश देंगे)।
  • अगर आपने स्टॉक खरीदी है और आप इसे बेचने का आदेश दे रहे हैं, तो उसी स्टॉक के लिए स्टॉप लॉस सेट करें।

4. Order Type को सेट करें:

  • अब आपको ऑर्डर टाइप के ऑप्शन का चयन करना होगा। यहां आपको "Stop Loss" या "Stop Loss Market" का विकल्प मिलेगा।
  • "Stop Loss Limit": इसमें आप एक लिमिट प्राइस भी सेट कर सकते हैं, जिसके नीचे कीमत गिरने पर स्टॉक बेचा जाएगा।
  • "Stop Loss Market": इसमें स्टॉक उस समय के मार्केट प्राइस पर बिकेगा, जब स्टॉप लॉस ट्रिगर होगा।

5. Stop Loss Price सेट करें:

  • स्टॉप लॉस का मूल्य (प्राइस) सेट करें, यानी वह मूल्य जिस पर आप स्टॉक को बेचने का आदेश देना चाहते हैं।
  • उदाहरण: अगर आपने किसी स्टॉक को ₹1000 में खरीदा है और आप इसे ₹950 पर बेचना चाहते हैं, तो स्टॉप लॉस प्राइस ₹950 सेट करें।

6. Quantity को सेट करें:

  • इसके बाद, उस स्टॉक की संख्या (quantity) डालें जिसे आप स्टॉप लॉस के जरिए बेचना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास 10 शेयर हैं, तो आप 10 की संख्या डाल सकते हैं।

7. Review & Confirm:

  • जब आप सभी जानकारी भर लें, तो फिर से चेक करें कि आपका स्टॉप लॉस मूल्य और संख्या सही है या नहीं।
  • "Place Order" पर क्लिक करें और फिर आपका ऑर्डर सबमिट हो जाएगा।

8. Order Confirmation:

  • ऑर्डर प्लेस करने के बाद आपको एक कन्फर्मेशन दिखाई देगा, और स्टॉप लॉस ऑर्डर सक्रिय हो जाएगा।
  • जैसे ही शेयर की कीमत आपके द्वारा सेट किए गए स्टॉप लॉस प्राइस पर पहुंचती है, आपका स्टॉक ऑटोमेटिकली बेचा जाएगा।

स्टॉप लॉस ऑर्डर का प्रकार:

  1. Stop Loss Limit Order: इसमें आप स्टॉप लॉस प्राइस सेट करते हैं और एक लिमिट प्राइस भी, ताकि अगर स्टॉप लॉस ट्रिगर होता है, तो स्टॉक उस प्राइस पर या उससे बेहतर कीमत पर बेचा जाए।
  2. Stop Loss Market Order: इसमें स्टॉप लॉस प्राइस ट्रिगर होने पर स्टॉक को उस समय के मौजूदा मार्केट प्राइस पर बेचा जाता है।

FAQ’s About Stop Loss in Hindi

Stop Loss क्या होता है?

स्टॉप लॉस एक ट्रेडिंग Oder है जो किसी निवेशक को नुकसान से बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक निर्धारित मूल्य पर स्टॉक को बेचने का Oder होता है, ताकि अगर स्टॉक की कीमत उस स्तर तक गिर जाए, तो निवेशक का नुकसान सीमित रहे। 

ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस कैसे लगाया जाता है?

ट्रेडिंग स्टॉप लॉस लगाने के लिए शेयर खरीदते समय या शेयर खरीदने के बाद ऑर्डर टाइप वाले सेक्शन में आपको दो विकल्प दिखेंगे मार्केट ऑर्डर और लिमिट ऑर्डर. इनमें से किसी एक का चुनाव करें और अपना स्टॉप लॉस प्राइस डाल दें. फिर जब आपका स्टॉप लॉस ट्रिगर होगा तो शेयर अपने आप ही बिक जाएगा.

स्टॉप लॉस मार्केट प्राइस क्या है?

स्टॉप लॉस मार्केट प्राइस वह ऑडर है, जिसमें स्टॉप प्राइस ट्रिगर होते ही स्टॉक को वर्तमान बाजार मूल्य पर बेचा जाता है। इसमें एक लिमिट नहीं होती, यानी स्टॉप प्राइस के बाद स्टॉक उस समय के सबसे अच्छे उपलब्ध मार्केट प्राइस पर बिक जाएगा, चाहे वह प्राइस ऊपर या नीचे हो।

स्टॉप लॉस ऑर्डर के उदाहरण कैसे रखें?

मान लीजिए आपने स्टॉक ₹1000 पर खरीदा है। आप स्टॉप लॉस ₹950 पर सेट करते हैं। अगर स्टॉक ₹950 या उससे नीचे गिरता है, तो ऑटोमेटिकली आपका स्टॉक बिक जाएगा, जिससे आपका नुकसान ₹50 से ज्यादा नहीं होगा। यह जोखिम को नियंत्रित करने का एक तरीका है।

स्टॉप लिमिट कैसे काम करती है?

स्टॉप लिमिट ऑर्डर में दो कीमतें होती हैं: स्टॉप प्राइस और लिमिट प्राइस। जब स्टॉप प्राइस ट्रिगर होता है, तो ऑर्डर लिमिट प्राइस के भीतर ही पूरा होता है। अगर बाजार में प्राइस लिमिट से बेहतर होता है, तो ऑर्डर पूरा हो जाएगा, अन्यथा नहीं। इससे कीमत नियंत्रण में रहता है।

क्या स्टॉप लॉस हमेशा काम करता है?

स्टॉप लॉस ऑर्डर आमतौर पर काम करता है, लेकिन हमेशा नहीं। जब बाजार में तेजी से उतार-चढ़ाव हो, जैसे गैपिंग या स्लिपेज की स्थिति में, तो स्टॉप लॉस प्राइस तक पहुंचने से पहले कीमतें तेज़ी से बदल सकती हैं। इसका मतलब यह है कि आपका स्टॉप लॉस प्राइस तक पहुंचने के बाद भी ऑर्डर उस कीमत पर पूरा नहीं हो सकता। उदाहरण के लिए, यदि किसी स्टॉक की कीमत ₹1000 से ₹950 तक गिरती है, और स्टॉप लॉस ₹950 पर सेट है, तो कीमत और भी तेजी से गिरकर ₹940 हो सकती है, जिससे आपका ऑर्डर ₹950 से कम पर पूरा हो सकता है।

क्या मुझे हमेशा स्टॉप लॉस का उपयोग करना चाहिए?

स्टॉप लॉस का उपयोग अधिकांश निवेशकों के लिए एक अच्छा जोखिम प्रबंधन उपकरण है, क्योंकि यह संभावित नुकसान को सीमित करने में मदद करता है। हालांकि, इसका उपयोग हमेशा नहीं करना चाहिए। यदि आप लंबी अवधि के निवेशक हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव से डरते नहीं हैं, तो आप स्टॉप लॉस का इस्तेमाल न भी कर सकते हैं। लेकिन यदि आप ट्रेडिंग कर रहे हैं या छोटे समय में बड़े नुकसान से बचना चाहते हैं, तो स्टॉप लॉस उपयोगी हो सकता है। अंततः, यह आपकी निवेश रणनीति, जोखिम सहिष्णुता और बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है।

मेरा स्टॉप लॉस हमेशा हिट क्यों होता है?

अगर आपका स्टॉप लॉस अक्सर हिट हो रहा है, तो यह कुछ कारणों से हो सकता है:

  1. सही स्टॉप लॉस प्राइस नहीं सेट करना – यदि स्टॉप लॉस बहुत करीब है, तो छोटे उतार-चढ़ाव में भी वह ट्रिगर हो सकता है।
  2. मार्केट का अत्यधिक उतार-चढ़ाव – कभी-कभी बाजार में अचानक बदलाव होता है।
  3. बहुत छोटे टाइम फ्रेम पर ट्रेडिंग – छोटे टाइम फ्रेम पर स्टॉप लॉस जल्दी हिट हो सकता है।
    सही रणनीति और विश्लेषण से इसे सुधारा जा सकता है।

मेरा स्टॉप लॉस ट्रिगर क्यों नहीं होता है?

अगर आपका स्टॉप लॉस ट्रिगर नहीं हो रहा, तो इसका कारण गैपिंग या स्लिपेज हो सकता है। इसका मतलब है कि जब स्टॉक की कीमत अचानक तेजी से बढ़ती या गिरती है, तो वह आपके सेट किए गए स्टॉप लॉस प्राइस से सीधे गुजर सकती है, और ऑर्डर ट्रिगर नहीं होता। यह आमतौर पर उस समय होता है जब बाजार में उच्च उतार-चढ़ाव या निचली लिक्विडिटी हो।

ट्रिगर प्राइस और स्टॉप लॉस में क्या अंतर है?

ट्रिगर प्राइस वह मूल्य है, जिस पर स्टॉप लॉस ऑर्डर सक्रिय होता है। जब स्टॉक की कीमत ट्रिगर प्राइस तक पहुंचती है, तो स्टॉप लॉस ऑर्डर execute होता है।

स्टॉप लॉस एक आदेश है, जो ट्रिगर प्राइस के बाद स्टॉक को बेचने का निर्देश देता है। इसका उद्देश्य नुकसान को सीमित करना है।

संक्षेप में, ट्रिगर प्राइस वह स्तर है जहां स्टॉप लॉस आदेश लागू होता है।

ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस और टारगेट में क्या अंतर है?

स्टॉप लॉस और टारगेट दोनों ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, लेकिन इनका उद्देश्य अलग है।

  • स्टॉप लॉस वह मूल्य है, जिस पर ट्रेडर अपना नुकसान सीमित करने के लिए स्टॉक को बेचने का आदेश देता है।
  • टारगेट वह मूल्य है, जहां ट्रेडर उम्मीद करता है कि स्टॉक की कीमत पहुंचेगी और वह उस स्तर पर मुनाफा लेने के लिए स्टॉक बेचता है।

कुल मिलाकर, स्टॉप लॉस जोखिम को नियंत्रित करता है और टारगेट मुनाफे का लक्ष्य निर्धारित करता है।

ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस और टारगेट कैसे सेट करते हैं?

ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस और टारगेट सेट करना एक महत्वपूर्ण जोखिम प्रबंधन रणनीति है।

  1. स्टॉप लॉस सेट करना: इसे आमतौर पर स्टॉक की हालिया कीमत या उच्च/निम्न स्तर के आधार पर सेट किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹1000 पर स्टॉक खरीदा है, तो आप इसे ₹950 पर स्टॉप लॉस सेट कर सकते हैं, ताकि नुकसान ₹50 से ज्यादा न हो।

  2. टारगेट सेट करना: टारगेट प्राइस वो स्तर है, जहां आप मुनाफा लेने का विचार करते हैं। इसे आमतौर पर तकनीकी विश्लेषण, समर्थन/प्रतिरोध स्तरों या निश्चित लाभ प्रतिशत के आधार पर निर्धारित किया जाता है। उदाहरण के लिए, ₹1000 में खरीदी गई स्टॉक के लिए ₹1200 का टारगेट सेट किया जा सकता है।

सबसे अच्छा स्टॉप लॉस प्रतिशत क्या है?

सबसे अच्छा स्टॉप लॉस प्रतिशत व्यक्तिगत निवेशक की रणनीति, जोखिम सहिष्णुता और बाजार के प्रकार पर निर्भर करता है। आमतौर पर, ट्रेडर्स 2% से 5% का स्टॉप लॉस रखते हैं। इसका मतलब है कि अगर स्टॉक की कीमत 2% से 5% गिरती है, तो स्टॉप लॉस ट्रिगर हो जाएगा। हालांकि, यह प्रतिशत आपके ट्रेडिंग के उद्देश्य, समय फ्रेम और निवेश रणनीति के आधार पर बदल सकता है।

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