स्टॉप लॉस क्या है– ट्रेडिंग में Stop Loss आर्डर कब, कहां और कैसे लगाते हैं?
स्टॉप लॉस क्या होता है
- स्टॉप लॉस क्या होता है,
- ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस कब कहां और कैसे लगाते हैं,
- और स्टॉप लॉस कितने प्रकार का होता है,
Stop loss की meaning क्या है
स्टॉप लॉस लगाना क्यों जरूरी है?
- Loss को रोकना
- Emotional पर Control
- समय की बचत
- लॉग टाइम तक ट्रैड मे रुकना
- मार्केट की वॉललिटी से बचना
- Automated risk management
- Freedom to focus on other trades
स्टॉप लॉस ऑर्डर कैसे लगाते हैं
Step-by-Step Guide: Groww App पर Stop Loss Order कैसे लगाएं
1. Groww App को ओपन करें:
सबसे पहले, अपने फोन में Groww App खोलें और अपना अकाउंट लॉगिन करें।
2. अपनी पोजीशन को चुनें:
- ऐप की होम स्क्रीन पर जाएं और "Your Portfolio" (आपका पोर्टफोलियो) या "Investments" (निवेश) सेक्शन में जाएं।
- उस स्टॉक को चुनें जिस पर आप स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाना चाहते हैं।
3. Buy/Sell पर क्लिक करें:
- स्टॉक के डिटेल पेज पर जाने के बाद, "Sell" बटन पर क्लिक करें (क्योंकि आप स्टॉप लॉस के लिए बेचने का आदेश देंगे)।
- अगर आपने स्टॉक खरीदी है और आप इसे बेचने का आदेश दे रहे हैं, तो उसी स्टॉक के लिए स्टॉप लॉस सेट करें।
4. Order Type को सेट करें:
- अब आपको ऑर्डर टाइप के ऑप्शन का चयन करना होगा। यहां आपको "Stop Loss" या "Stop Loss Market" का विकल्प मिलेगा।
- "Stop Loss Limit": इसमें आप एक लिमिट प्राइस भी सेट कर सकते हैं, जिसके नीचे कीमत गिरने पर स्टॉक बेचा जाएगा।
- "Stop Loss Market": इसमें स्टॉक उस समय के मार्केट प्राइस पर बिकेगा, जब स्टॉप लॉस ट्रिगर होगा।
5. Stop Loss Price सेट करें:
- स्टॉप लॉस का मूल्य (प्राइस) सेट करें, यानी वह मूल्य जिस पर आप स्टॉक को बेचने का आदेश देना चाहते हैं।
- उदाहरण: अगर आपने किसी स्टॉक को ₹1000 में खरीदा है और आप इसे ₹950 पर बेचना चाहते हैं, तो स्टॉप लॉस प्राइस ₹950 सेट करें।
6. Quantity को सेट करें:
- इसके बाद, उस स्टॉक की संख्या (quantity) डालें जिसे आप स्टॉप लॉस के जरिए बेचना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास 10 शेयर हैं, तो आप 10 की संख्या डाल सकते हैं।
7. Review & Confirm:
- जब आप सभी जानकारी भर लें, तो फिर से चेक करें कि आपका स्टॉप लॉस मूल्य और संख्या सही है या नहीं।
- "Place Order" पर क्लिक करें और फिर आपका ऑर्डर सबमिट हो जाएगा।
8. Order Confirmation:
- ऑर्डर प्लेस करने के बाद आपको एक कन्फर्मेशन दिखाई देगा, और स्टॉप लॉस ऑर्डर सक्रिय हो जाएगा।
- जैसे ही शेयर की कीमत आपके द्वारा सेट किए गए स्टॉप लॉस प्राइस पर पहुंचती है, आपका स्टॉक ऑटोमेटिकली बेचा जाएगा।
स्टॉप लॉस ऑर्डर का प्रकार:
- Stop Loss Limit Order: इसमें आप स्टॉप लॉस प्राइस सेट करते हैं और एक लिमिट प्राइस भी, ताकि अगर स्टॉप लॉस ट्रिगर होता है, तो स्टॉक उस प्राइस पर या उससे बेहतर कीमत पर बेचा जाए।
- Stop Loss Market Order: इसमें स्टॉप लॉस प्राइस ट्रिगर होने पर स्टॉक को उस समय के मौजूदा मार्केट प्राइस पर बेचा जाता है।
FAQ’s About Stop Loss in Hindi
Stop Loss क्या होता है?
स्टॉप लॉस एक ट्रेडिंग Oder है जो किसी निवेशक को नुकसान से बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक निर्धारित मूल्य पर स्टॉक को बेचने का Oder होता है, ताकि अगर स्टॉक की कीमत उस स्तर तक गिर जाए, तो निवेशक का नुकसान सीमित रहे।
ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस कैसे लगाया जाता है?
स्टॉप लॉस मार्केट प्राइस क्या है?
स्टॉप लॉस ऑर्डर के उदाहरण कैसे रखें?
स्टॉप लिमिट कैसे काम करती है?
क्या स्टॉप लॉस हमेशा काम करता है?
क्या मुझे हमेशा स्टॉप लॉस का उपयोग करना चाहिए?
मेरा स्टॉप लॉस हमेशा हिट क्यों होता है?
अगर आपका स्टॉप लॉस अक्सर हिट हो रहा है, तो यह कुछ कारणों से हो सकता है:
- सही स्टॉप लॉस प्राइस नहीं सेट करना – यदि स्टॉप लॉस बहुत करीब है, तो छोटे उतार-चढ़ाव में भी वह ट्रिगर हो सकता है।
- मार्केट का अत्यधिक उतार-चढ़ाव – कभी-कभी बाजार में अचानक बदलाव होता है।
- बहुत छोटे टाइम फ्रेम पर ट्रेडिंग – छोटे टाइम फ्रेम पर स्टॉप लॉस जल्दी हिट हो सकता है।
सही रणनीति और विश्लेषण से इसे सुधारा जा सकता है।
मेरा स्टॉप लॉस ट्रिगर क्यों नहीं होता है?
ट्रिगर प्राइस और स्टॉप लॉस में क्या अंतर है?
ट्रिगर प्राइस वह मूल्य है, जिस पर स्टॉप लॉस ऑर्डर सक्रिय होता है। जब स्टॉक की कीमत ट्रिगर प्राइस तक पहुंचती है, तो स्टॉप लॉस ऑर्डर execute होता है।
स्टॉप लॉस एक आदेश है, जो ट्रिगर प्राइस के बाद स्टॉक को बेचने का निर्देश देता है। इसका उद्देश्य नुकसान को सीमित करना है।
संक्षेप में, ट्रिगर प्राइस वह स्तर है जहां स्टॉप लॉस आदेश लागू होता है।
ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस और टारगेट में क्या अंतर है?
स्टॉप लॉस और टारगेट दोनों ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, लेकिन इनका उद्देश्य अलग है।
- स्टॉप लॉस वह मूल्य है, जिस पर ट्रेडर अपना नुकसान सीमित करने के लिए स्टॉक को बेचने का आदेश देता है।
- टारगेट वह मूल्य है, जहां ट्रेडर उम्मीद करता है कि स्टॉक की कीमत पहुंचेगी और वह उस स्तर पर मुनाफा लेने के लिए स्टॉक बेचता है।
कुल मिलाकर, स्टॉप लॉस जोखिम को नियंत्रित करता है और टारगेट मुनाफे का लक्ष्य निर्धारित करता है।
ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस और टारगेट कैसे सेट करते हैं?
ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस और टारगेट सेट करना एक महत्वपूर्ण जोखिम प्रबंधन रणनीति है।
स्टॉप लॉस सेट करना: इसे आमतौर पर स्टॉक की हालिया कीमत या उच्च/निम्न स्तर के आधार पर सेट किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹1000 पर स्टॉक खरीदा है, तो आप इसे ₹950 पर स्टॉप लॉस सेट कर सकते हैं, ताकि नुकसान ₹50 से ज्यादा न हो।
टारगेट सेट करना: टारगेट प्राइस वो स्तर है, जहां आप मुनाफा लेने का विचार करते हैं। इसे आमतौर पर तकनीकी विश्लेषण, समर्थन/प्रतिरोध स्तरों या निश्चित लाभ प्रतिशत के आधार पर निर्धारित किया जाता है। उदाहरण के लिए, ₹1000 में खरीदी गई स्टॉक के लिए ₹1200 का टारगेट सेट किया जा सकता है।